मध्य प्रदेश में अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण ,जल्द ही गांव में पदस्थ होंगे 6000 शिक्षक

- 6000 अतिशेष शिक्षकों को मिलेगा उच्च पद
- कुछ शिक्षक की नहीं हुई थी काउंसलिंग
- प्रशासकीय आधार पर हुआ स्थानांतरण
- शिक्षकों की कमी काफी गंभीर समस्या
MP Teacher Transfer : मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में 6000 अतिशेष शिक्षकों को जल्द ही गांव में पदस्थित करने की तैयारी शुरू की है।यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था की ओर अधिक सशक्त बनाने के लिए उठाए जा रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना इसलिए यह कदम उठाए जा रहा है।इन शिक्षकों का ट्रांसफर प्रशासकीय आधार पर किया जा रहा है। जो की काउंसलिंग की वजह से सीधे आदेश द्वारा होगा।
6000 अतिशेष शिक्षकों को मिलेगा उच्च पद
स्कूल शिक्षा विभाग में यह प्रस्ताव तैयार किया है। कि जिस जिसके तहत शहरों में पदार्थ उन शिक्षकों को जिन्हें पिछले साल अन्य स्थानों पर भेजा नहीं जा सका था। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
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इनकी संख्या करीब 6000 है। पिछले साल 2024 के दौरान विभाग ने उच्च विभागों के प्रभार व अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी करने के लिए काफी समय बिताया था। लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं की गई है।
कुछ शिक्षक की नहीं हुई थी काउंसलिंग
पिछले साल 2024 में मध्य प्रदेश में कुल 21,966 अतिशेष शिक्षक थे। इनमें से 16,051 शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उन स्कूलों में भेजा गया था। जहां शिक्षकों की जरूरत थी। लेकिन 5914 शिक्षक ऐसे थे।
जिन्हें अन्य स्कूलों में भेजने का काम पूरा नहीं किया गया था।इसका मुख्य कारण यह था कि कुछ शिक्षक न्यायालय के मामले के लिए गए थे ।तो कुछ को राजनीति कार्यों से स्थानांतरित नहीं किया गया था।
प्रशासकीय आधार पर हुआ स्थानांतरण
मध्य प्रदेश सरकार ने इन अतिथि शिक्षकों कल 5914 के लिए नई योजना तैयार की है।इन शिक्षकों का ट्रांसफर प्रशासकीय आधार पर किया जाएगा। जिससे काउंसलिंग की प्रक्रिया को खत्म किया जा सकता है।और सीधे आदेश के माध्यम से शिक्षकों को गांव में पदस्थ किया जाएगा।विभाग की ओर से यह उम्मीद है कि अप्रैल माह तक यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
शिक्षकों की कमी काफी गंभीर
माध्यमिक शिक्षा मंडल विभाग का कहना है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था बिस्तर लाने के लिए उठाए जा रहा है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी काफी गंभीर समस्या बन चुकी है।
और इस कदम से इन क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है।मध्य प्रदेश में यह निर्णय राज्य की शिक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। इसका उद्देश्य केवल यह है कि शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके बल्कि शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा करना है।