महानगरों में 2 दिन के लिए बसे रहेगी बंद , आम लोगो को होगी परेशानी, जानिए बस ऑपरेटरों की हड़ताल की वजह

- परमिट जारी होने के नाम पर गड़बड़ी
- अस्थायी परमिट जारी होने के कारण यह हड़ताल
- 4 हजार बसों के पहिए दो दिन के लिए रुके रहेंगे
Bus Operators Strike : भोपाल से इंदौर और जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य शहर में अगले दो दिन जाने का सोच रहे है तो रूक जाइए। पहले बसों का शेड्यूल पता कर ले।क्योंकि सोमवार और मंगलवार को प्रदेश भर में बसों का संचालन नहीं होगा।
यात्री बसों के अस्थाई परमिट पर रोक लगाए जाने के विरोध में बस ऑपरेटर्स ने दो दिन बसों की हड़ताल का ऐलान कर दिया है इसीलिए अगले दो दिन बस नही चलेगी।27 और 28 जनवरी को प्रदेश भर में यात्री बसों का संचालन नहीं होगा।
और बड़े जिलों के साथ साथ छोटे जिलों में भी बसें नहीं चलेंगी।इसको देखते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था अस्थायी परमिट देना नियम बन गया है।इससे पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार फैल रहा है।
अस्थायी परमिट जारी होने के कारण यह हड़ताल
मध्य प्रदेश में यात्री बसों के अस्थायी परमिट जारी होने के कारण यह हड़ताल की जा रही है।परमिट के नाम पर हो रही गड़बड़ी को देखते हुए हाईकोर्ट ने 1 जनवरी से यात्री बसों के अस्थायी परमिट पर रोक लगा दी है।इसके बाद सिर्फ शादी या भ्रमण के लिए ही अस्थाई परमिट जारी किए जाएंगे।इससे पहले परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने निर्देश दिए थे।
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कि अस्थायी परमिट सिर्फ खास मौकों पर जरूरत वाले मार्गों पर ही जारी किए जाएंगे। हालाकि प्रदेश में इसका ठीक से पालन नहीं किया गया है।कोर्ट के आदेश के बाद विभाग इसको लेकर कोई समाधान नहीं निकाल गया है। बिना परमिट बस चलाने पर चार गुना पेनाल्टी का प्रावधान जारी किया गया है। यदि ऐसी स्थिति में बस का एक्सीडेंट होता है तो यात्रियों को भी बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है।
गड़बड़ी को देखते हुए परमिट जारी
प्रदेश में पिछले 7 सालों से अस्थाई परमिट के नाम पर जमकर गड़बड़ी की जा रही है। अस्थाई परमिट जारी कराकर बस ऑपरेटर्स बसों से यात्रियों को ढो रहे थे।राज्य शासन द्वारा जारी किए गए निर्देश में साफ लिखा था कि मोटर यान अधिनियम की धारा 87 (1) सी के प्रावधानों के तहत सिर्फ विशेष परिस्थितयों के लिए ही अस्थायी परमिट जारी किए जा सकेंगे।लेकिन विभाग द्वारा बिना परीक्षण करे बसों को अस्थायी परमिट जारी किए जा रहे थे।
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इसको देखते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था अस्थायी परमिट देना नियम बन गया है।इससे पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार फैल रहा है।यह परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी है कि वे सिस्टम में फैली मनमानी और विसंगतियों को देखें।इसी को देखते हुए अस्थाई परमिट पर रोक लगा दी गई है।
4 हजार बसों के रुकेंगे पहिये
हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में भोपाल से दूसरे शहरों को जाने वाली 250 और प्रदेश भर की करीबन 4 हजार बसों के पहिए दो दिन के लिए रुके रहेंगे।बस ऑपरेटर प्रतिनिधि गोपाल पैगवार के अनुसार जनवरी के लिए टैक्स जमा कर दिया गया लेकिन परमिट अभी तक जारी नही किया गया है।
ऑपरेटर्स ने परिवहन विभाग को अपनी समस्याएं बताई थी लेकिन अब तक उन पर कोई समाधान नहीं निकला गया है।और बही परिवहन विभाग का कहना है कि कोर्ट के आदेश के तहत ही अस्थाई परमिट पर रोक लगाई गई है। अस्थाई परमिट सिर्फ विशेष परिस्थितियों में दिए जाएंगे।
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